Sunday 20 January 2019

छेरछेरा

छेरछेरा

दान अन्न धन के कर लौ गा,सुनके छेरिक छेरा।
जतके देहू  ततके बढ़ही,धन  दउलत शुभ बेरा।

पूस पाख मा पुन्नी के दिन,बगरे नवा अँजोरी।
परब  छेरछेरा  हा  आँटे,मया पिरित के डोरी।
धिनक धिनक धिन ढोलक बाजे,डंडा ताल सुनाये।
लइका  लोग  सियान  सबो मिल,नाचे  गाना  गाये।
थपड़ी कुहकी झाँझ मँजीरा,सुन छूटय दुख घेरा।
दान अन्न धन के कर लौ  गा,सुनके छेरिक छेरा।

दया  मया  सागर  लहरावै,नाचे जीवन नैया।
गोंदा गमकत हे अँगना मा,मन भावै पुरवैया।
जोरा करके जाड़ ह जाये,माँघ नेवता पाये।
बर पीपर हा पात गिराये,आमा हा मँउराये।
सेमी  गोभी  भाजी  निकले ,झूले  मुनगा  केरा।
दान अन्न धन के कर लौ गा,सुनके छेरिक छेरा।

भिक्षा  माँगव  मया  घोर के,दान  देव बन दाता।
भरे अन्न धन मा कोठी ला,सब दिन धरती माता।
राँध  कलेवा  खाव बाँट के,रिता रहे झन थारी।
झारव इरसा द्वेष बैर ला,टारव मिल अँधियारी।
सइमों  सइमों  करे खोर हा,सइमों  सइमों डेरा।
दान अन्न धन के कर लौ गा,सुनके छेरिक छेरा।

जीतेंद्र वर्मा"खैरझिटिया"
बाल्को(कोरबा)

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