बधाई नवा बछर के(सार छंद)
हवे बधाई नवा बछर के,गाड़ा गाड़ा तोला।
सुख पा राज करे जिनगी भर,गदगद होके चोला।
सबे खूँट मा रहे अँजोरी,अँधियारी झन छाये।
नवा बछर हर अपन संग मा,नवा खुसी धर आये।
बने चीज नित नयन निहारे,कान सुने सत बानी।
झरे फूल कस हाँसी मुख ले,जुगजुग रहे जवानी।
जल थल का आगास नाप ले,चढ़के उड़न खटोला।
हवे बधाई नवा बछर के,गाड़ा गाड़ा तोला----।
धन बल बाढ़े दिन दिन भारी,घर लागे फुलवारी।
खेत खार मा सोना उपजे,सेमी गोभी बारी।
बढ़े बाँस कस बिता बिता बड़,यश जश मान पुछारी।
का मनखे का जीव जिनावर, पटे सबो सँग तारी।
राम रमैया कृष्ण कन्हैया,करे कृपा शिव भोला-----।
हवे बधाई नवा बछर के,गाड़ा गाड़ा तोला------।
बरे बैर नव जुग मा बम्बर,बाढ़े भाई चारा।
ऊँच नीच के भेद सिराये,खाये झारा झारा।
दया मया के होय बसेरा,बोहय गंगा धारा।
पुरवा गीत सुनावै सबला,नाचे डारा पारा।
भाग बरे पुन्नी कस चंदा,धरे कला गुण सोला।
हवे बधाई नवा बछर के,गाड़ा गाड़ा तोला---।
जीतेन्द्र वर्मा"खैरझिटिया"
बाल्को(कोरबा)
हवे बधाई नवा बछर के,गाड़ा गाड़ा तोला।
सुख पा राज करे जिनगी भर,गदगद होके चोला।
सबे खूँट मा रहे अँजोरी,अँधियारी झन छाये।
नवा बछर हर अपन संग मा,नवा खुसी धर आये।
बने चीज नित नयन निहारे,कान सुने सत बानी।
झरे फूल कस हाँसी मुख ले,जुगजुग रहे जवानी।
जल थल का आगास नाप ले,चढ़के उड़न खटोला।
हवे बधाई नवा बछर के,गाड़ा गाड़ा तोला----।
धन बल बाढ़े दिन दिन भारी,घर लागे फुलवारी।
खेत खार मा सोना उपजे,सेमी गोभी बारी।
बढ़े बाँस कस बिता बिता बड़,यश जश मान पुछारी।
का मनखे का जीव जिनावर, पटे सबो सँग तारी।
राम रमैया कृष्ण कन्हैया,करे कृपा शिव भोला-----।
हवे बधाई नवा बछर के,गाड़ा गाड़ा तोला------।
बरे बैर नव जुग मा बम्बर,बाढ़े भाई चारा।
ऊँच नीच के भेद सिराये,खाये झारा झारा।
दया मया के होय बसेरा,बोहय गंगा धारा।
पुरवा गीत सुनावै सबला,नाचे डारा पारा।
भाग बरे पुन्नी कस चंदा,धरे कला गुण सोला।
हवे बधाई नवा बछर के,गाड़ा गाड़ा तोला---।
जीतेन्द्र वर्मा"खैरझिटिया"
बाल्को(कोरबा)