छत्तीसगढ़ी गजल
बहर-2122 2122 212
खोट धर झन खोद खाई फोकटे।
कर धरम बर झन लड़ाई फोकटे।1
शांति के संदेश बाँटै सब धरम।
कर न दूसर के बुराई फोकटे।2।
चक्ख ले नमकीन खारो अउ करू।
रोज के मेवा मिठाई फोकटे।3।।।।
बैर इरखा हे जिया मा तोर ता।
हिन्दू मुस्लिम सिख इसाई फोकटे।4
सत सुमत धरके सदा सत काम कर।
छोड़ ठग जग के कमाई फोकटे।5।
जीव शिव सबके हे दुर्लभ जिंदगी।
काट झन बनके कसाई फोकटे।6
खैरझिटिया खोंचका झन खन कभू।
खुद के होही जग हँसाई फोकटे।7।
जीतेन्द्र वर्मा"खैरझिटिया"
बाल्को(कोरबा)
बहर-2122 2122 212
खोट धर झन खोद खाई फोकटे।
कर धरम बर झन लड़ाई फोकटे।1
शांति के संदेश बाँटै सब धरम।
कर न दूसर के बुराई फोकटे।2।
चक्ख ले नमकीन खारो अउ करू।
रोज के मेवा मिठाई फोकटे।3।।।।
बैर इरखा हे जिया मा तोर ता।
हिन्दू मुस्लिम सिख इसाई फोकटे।4
सत सुमत धरके सदा सत काम कर।
छोड़ ठग जग के कमाई फोकटे।5।
जीव शिव सबके हे दुर्लभ जिंदगी।
काट झन बनके कसाई फोकटे।6
खैरझिटिया खोंचका झन खन कभू।
खुद के होही जग हँसाई फोकटे।7।
जीतेन्द्र वर्मा"खैरझिटिया"
बाल्को(कोरबा)
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