मोर मितान
गांव म रहिथे मोर मितान।
हवे सहर मा मोर मकान।
मैं कमाथों पैसा रातदिन,
वो उगाथे गहूँ अउ धान।
माटी के घर खपरा छानी।
तभो मितान हवे बड़ दानी।
गला म फेटा मूड़ म पागा।
फोकटे फोकट करे नइ लागा।
दिखे हाथ मोर गोरा गोरा।
ओखर हाथ म परे हे फोरा।
पीथे कुँवा बोरिंग के पानी।
बासी पेज ओखर जिनगानी।
पहिली ले अउ वो पतरागे।
मोर तन म बड़ मास भरागे।
हँड़िया कस मोर पेट निकलगे,
चश्मा चढ़े हवे मोर कान।
गाड़ी घोड़ा शान मोर ए।
पैसा कउड़ी मान मोर ए।
चीज देखवा के हे घर मा।
नाम हवे बड़ मोर शहर मा।
मितान के बोली मंदरस हे।
हाथ गोड़ हा पथरा कस हे।
ताकत हवे बाँह मा भारी।
खाथे बासी भरभर थारी।
तात तात मैं तीन तेल खाथों।
टीभी देख मैं दिन ला पहाथों।
सेज सुपाती पलंग गद्दा मा,
सुतथों मैंहा लाद तान।
ओधे रहिथे दिनभर गेट।
अबड़ हवे मोर घर के रेट।
पारा परोसी से का लेना।
नइ बारन लकड़ी अउ छेना।
घर ले जुड़े हे ओखर ब्यारा।
जिंहा माड़े हे खाँसर गाड़ा।
घर के आघू बड़का चँवरा।
बइला बंधाये करिया धँवरा।
बड़का अँगना अउ दुवारी।
बइठ मितानिन करे मुखारी।
डिस्को रीमिक्स मोर मुँह मा,
ओखर मिठाये सुवा गान।
जाति धरम बसे मोर बानी।
वो बस जाने खेती किसानी।
तिहार बार वो हाँस के माने।
गाँव भर ला परिवार जाने।
पाले हँव घर मे कुकुर मैं।
रहिथों दाई ददा ले दूर मैं।
गमला माड़े मोर दुवारी।
उगे हवे बड़ फूल फुलवारी।
चले नही मोला गुड़ शक्कर।
खेवन खेवन आथे चक्कर।
खाथों रोज दवई गोली,
नपे तुले हे मोर खानपान।
पैसा बैंक मा माड़े हावय।
बीपी सुगर मोर बाढ़े हावय।
मितान रेंगे टेंग टेंग भारी।
ओखर पटे सबसँग तारी।
बर पीपर छँइहा मनभावन।
हाट सजथे लगथे दावन।
सीतला बरदी तरिया नरवा।
छेरी बोकरा संग मा गरवा।
मॉल मेला होटल ढाबा।
देथे खुसी काबा काबा।
पानी काँजी मैंहा पीथों,
फिल्टर मा मैं छान।
गांव म रहिथे मोर मितान।
हवे सहर मा मोर मकान।
मैं कमाथों पैसा रातदिन,
वो उगाथे गहूँ अउ धान।
माटी के घर खपरा छानी।
तभो मितान हवे बड़ दानी।
गला म फेटा मूड़ म पागा।
फोकटे फोकट करे नइ लागा।
दिखे हाथ मोर गोरा गोरा।
ओखर हाथ म परे हे फोरा।
पीथे कुँवा बोरिंग के पानी।
बासी पेज ओखर जिनगानी।
पहिली ले अउ वो पतरागे।
मोर तन म बड़ मास भरागे।
हँड़िया कस मोर पेट निकलगे,
चश्मा चढ़े हवे मोर कान।
गाड़ी घोड़ा शान मोर ए।
पैसा कउड़ी मान मोर ए।
चीज देखवा के हे घर मा।
नाम हवे बड़ मोर शहर मा।
मितान के बोली मंदरस हे।
हाथ गोड़ हा पथरा कस हे।
ताकत हवे बाँह मा भारी।
खाथे बासी भरभर थारी।
तात तात मैं तीन तेल खाथों।
टीभी देख मैं दिन ला पहाथों।
सेज सुपाती पलंग गद्दा मा,
सुतथों मैंहा लाद तान।
ओधे रहिथे दिनभर गेट।
अबड़ हवे मोर घर के रेट।
पारा परोसी से का लेना।
नइ बारन लकड़ी अउ छेना।
घर ले जुड़े हे ओखर ब्यारा।
जिंहा माड़े हे खाँसर गाड़ा।
घर के आघू बड़का चँवरा।
बइला बंधाये करिया धँवरा।
बड़का अँगना अउ दुवारी।
बइठ मितानिन करे मुखारी।
डिस्को रीमिक्स मोर मुँह मा,
ओखर मिठाये सुवा गान।
जाति धरम बसे मोर बानी।
वो बस जाने खेती किसानी।
तिहार बार वो हाँस के माने।
गाँव भर ला परिवार जाने।
पाले हँव घर मे कुकुर मैं।
रहिथों दाई ददा ले दूर मैं।
गमला माड़े मोर दुवारी।
उगे हवे बड़ फूल फुलवारी।
चले नही मोला गुड़ शक्कर।
खेवन खेवन आथे चक्कर।
खाथों रोज दवई गोली,
नपे तुले हे मोर खानपान।
पैसा बैंक मा माड़े हावय।
बीपी सुगर मोर बाढ़े हावय।
मितान रेंगे टेंग टेंग भारी।
ओखर पटे सबसँग तारी।
बर पीपर छँइहा मनभावन।
हाट सजथे लगथे दावन।
सीतला बरदी तरिया नरवा।
छेरी बोकरा संग मा गरवा।
मॉल मेला होटल ढाबा।
देथे खुसी काबा काबा।
पानी काँजी मैंहा पीथों,
फिल्टर मा मैं छान।
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