होली गीत
आवत हे आवत हे आवत हे आवत हे आवत हे।
करिया रंग धरके करिया टूरा।।
लगथे बइहा पगला वो पूरा।।
पाना असन डोलत हे।
थेथेर मेथेर बोलत हे।
अपने अपन हाँसत हे,
येला वोला छोलत हे।।
गिरे हावय जिनगी धूरा--
करिया रंग धरके करिया टूरा।।
बात बानी माने नही।
बड़े छोटे जाने नही।
गिधवा कस देखत हे,
दया मया साने नही।
टूट गेहे पाटी अउ खूरा----
करिया रंग धरके करिया टूरा।।
चाल चलन किरहा हे।
कपड़ा लत्ता चिरहा।
हारे थके बइगा गुनिया,
सपडे शनि गिरहा हे।
काम आथे घलो धतूरा----
करिया रंग धरके करिया टूरा।।
होरा भूंजही छानी मा।
पेराही खुद घानी मा।
डूब जाही एक दिन,
चुल्लू भर पानी मा।
सपना होही चूरा चूरा------
करिया रंग धरके करिया टूरा।।
जीतेंन्द्र वर्मा"खैरझिटिया"
बाल्को,कोरबा(छग)
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