Monday 5 July 2021

घरोधा

 

######गीत######

अपनेच घरौंदा ले,,,
मैहा बहिरात हौं..|
आंसू म फिले अँचरा ल,,,
जिया बार के सुखात हौं..|

मोर टुटहा पाटी अउ
दोलगाहा खटिया,|
ससन भर नींद मोला,
देत रिहिस रतिहा |
मोर खदर के झिपारी,
अउ खपरा के छानी |
पियास बुझात रिहिस,
करसा के जुड़ पानी |
फेर दुतल्ला मकान....
अब मय नइ समात हौं ......|
आंसू म फिले............|

मोर खेत खार परिया हे|
गिन के बचे हरिया हे|
कोठी कोठा उन्ना हे,
भाग घलो करिया हे|
नाम के किसन्हा,
मालिक कोनो असल हे|
धान गंहू चना नही,
बोये समय के फसल हे|
जेन ल देव सहारा...
ओखरे दुख ल पात हौं....|
आंसू म फिले................|
                       जीतेन्द्र वर्मा
                  बाल्को (कोरबा)

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