अइसने म दिल कइसे नई जलही..
ओट म लगाय रिही लदफद ले लाली.
कान म झुलत रिही रही रही के बाली.
पूर्वाइया हवा संग चुंदी उड़ात रिही.
हाई हील के सेन्डिल पहिरे हाथ ल झुलात रिही.
कजरारी ऑखी ले जब ठॉय-ठॉय गोली चलही.........
त बता भला,अइसने म दिल कइसे नई जलही.......
छटपटावत हे चोला
देख के वोला|
खॉद म झुलत हे
नवा डिजाईन के छोला|
चुंदी ल मुड़ी म
चिमटा कसें हे|
चमचमाय कुर्ता जींस
जऊहर फभे हे |
फुकफुक ले पड़ड़ी
न करिया न बलही............|
त बता भला ...................|
ओट ल चाटही
अऊ दॉत ल कटरही|
त भला जवनहा टुरा मनके
नींद कइसे परही|
देखईया मन देखते रीथे
गड़ाके ऑखी|
परी बनके उड़ावत हे
अगास म लगाके पॉखी|
छलिया बनके घेरीबेरी
तनमन ल छलही..............|
त बता भला ...................|
आगी लगे हे फेसन
नवा डिजाईन म छाके|
हेन्सम कहिलात हे
चुंदी कुरथा कटवाके|
धरे हे मोबाईल
हॉस हॉस के गोठियात हे|
घेरी बेरी चुंदी ल
ऑखी ले हटात हे |
नाम हे पिंकीं रिंकीं
नोहे मन्टोरा अंकलही...........|
त बता भला अईसने.............|
जीतेन्द्र वर्मा
खैरझिटी(राजनॉदगॉव)
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