Sunday 6 December 2020

कइसनो होय कक्षा म फस्ट आना हे

 कइसनो होय कक्षा म फस्ट आना हे


कपहा पेंट चिरहा कुरथा पहिरे नाक बोहावत लइका के पीठ ल ठोंकत सालभर पढ़ाय के बाद मोर स्कूल के पहली  गुरुजी मिट्ठू राम साहू जी ह, नतीजा घोषित करत कथे कि जीतेंन्द्र के परीक्षा परिणाम कक्षा म सबले जादा हे, ओहर क्लास म प्रथम आय हे। ताहन का कहना मोर छाती फुलगे अउ उही दिन ले मन म वो फर्स्ट आय के लालच घलो घर कर गे। दूसरी, तीसरी , चौथी अउ पाँचवी म घलो सरलग प्रथम आयेंव। 26 जनवरी बर हर साल पंच सरपंच के मुँह घलो ताकंव कि मोला कक्षा  म प्रथम आये के ईनाम मिलही, काबर कि हर साल 15 अगस्त के सरपंच महोदय माइक म अपन उद्बोधन म ये बात कहय कि जउन छात्र मन अपन क्लास म प्रथम आही ओला 51 रुपिया के ईनाम मिलही। फेर 26 जनवरी बर लगे हर साल भुला जाय। खैर लालच तो रहय फेर नइ मिलत हे कहिके अपन पढ़ई लिखई ल कमती नइ करेंव। छठवीं, सातवी, नवमी अउ दसवीं म घलो प्रथम आयेंव। दसवी म मोर सन 2000 म 74% नम्बर आये रहिस त स्कूल सम्मान जरूर करे रिहिस।फेर आठवीं म मोर जेवनी हाथ म टायर के तार गड़े के बाद हाथ टुटे के भोरहा म अउ बैगई गुनियई के चक्कर म मुख्य परीक्षा ले वंचित हो गेंव, पूरक म शामिल होय बर पड़गे। वो साल के अंतिम दौर दुख भरे रिहिस ,पढ़ई लिखई ठप्प होगे रिहिस। फेर भगवान कृपा ले उबरेंव। हमन चार भाई हवन एक साल तो हमन चारो भाई अपन अपन कक्षा म प्रथम घलो आये रेहेंन, कहे के मतलब पढ़ई लिखई के घर म बढ़िया माहौल रहय। मोर न तो बाबू जी एको क्लॉस पढ़े रिहिस न दाई। तभो बिना टाइम टेबल के कभू नइ पढेंन। ये तो होइस मोर गांव के पढ़ाई अब 11 वी पढ़े बर राजनांदगांव के नामी स्कूल स्टेट हाई स्कूल म दाखिल होगेंव। उहाँ तो कई किसम के लइका , एक ले बढ़ के एक पढ़ैया, मोर पसीना छूट गे, एक तो गाँव के लइका बने हिंदी बोले बर घलो नइ आय अउ उँहा शहर के गुरुजी अउ शहरी सहपाठी। मोला पिक्चर के डायलाग सुरता आय अपन गली म तो कुकूर भी शेर होथे। फेर बाहिर म----? तभो बहुत महिनत करेंव  अउ कक्षा 11 वी म 89%अंक के साथ तीसरा स्थान म सिमट गेंव। 90% अउ 91% वाले साथी विनोद साहू अउ सोमनाथ पांडे क्रमशः  द्वितीय , प्रथम  रिहिस। आघू बछर बने पढ़हूँ कहिके मन ल धीर धरावत रही गेंव। 10 वी क्लास के बाद से ही गर्मी छुट्टी म राजनांदगांव काम बुता म आ जावत रेंहेंव। पूरा गर्मी भर कुली कबाड़ी के काम करके फेर आषाढ़ लगत पढ़ाई म लग जावंव, जबकि मोर शहर वाले संगी मन गर्मी म ट्यूशन पढ़े। कई बेर तो अइसनो मौका आइस की सहपाठी संगी मन के बनत घर म घलो काम करे करे हँव। 12 क्लास चालू होइस फेर उही साल सीबीएसई पैटर्न लागू हो गे रहय। वइसे तो 11 म आदेश आगे रिहस फेर स्कूल के हाथ म पेपर रिहिस तेखर सेती माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पुस्तक ल ही पढ़ावत रिहिस। फेर 12 म सब कुछ चेंज होगे रिहिस, अलगे पैटर्न रहय,मोठ मोठ पुस्तक अउ नवा नवा सिलेबस इंग्लिश के जादा रोल रहय। वो बछर पढ़े म बड़ तकलीफ होइस। 12 के रिजल्ट आइस,, मैथ्स, बायो अउ आर्ट मिलाके 189 झन म सिर्फ 9 झन पास होइस, मोर तो नामे नइ रिहिस। मैं पूरा नरवस होगेंव। अउ मोर संग कतको साथी मन घलो। वो समय से आज तक स्टेट स्कूल अपन पहली के स्टेंडर्ड ल नइ बना सकिस, लइका मन सब छिदिर बिदिर होगे, ताहन फेर का स्कूल प्रबंधन ल वो कोर्स ल खारिज करे बर घलो पड़गे। मोला लगे कि ये सीबीएससी कोर्स ह मोर सपना ल तोड़े बर आय रिहिस। वो समय घलो पांडे जी 60% के साथ प्रथम अउ विनोद जी 59% के साथ द्वितीय रिहिस। पूरक  के दाग मोर जिनगी म दूसरा बेर लगगे। एक बेर सोचेंव फिर से पढ़हूँ ,फेर मोला सर मन समझाइस कि पूरक पेपर दे के देख तेखर बाद सोंचबे। फिजिक्स म सात नम्बर कमती आय रिहिस चूँकि सीबीएससी अजमेर ले परीक्षा संचालित रिहिस त  ग्रेस देके पास करे के पावधान नइ रिहिस। पूरक के रिजल्ट आइस 60% अंक के साथ पास होगेंव। फेर मन डोले ल धरिस कि यदि प्रथम नइ आ सकबे त 60% तो जरूर आय। फेर ये मोर असमर्थता  रिहिस, जे अपन खामी उप्पर मरहम चुपरे बर दिमाक म 60%के आडिया आइस। कॉलेज म  तो हाल बेहाल होगे, पढ़ाई घलो इंग्लिश म होय लगिस, कक्षा म प्रथम आय के सपना ल छोड़ घलो देंव। गाना-बजाना, गीत-कविता, काम बुता आदि  सब में ध्यान बँट गे। भविष्य के चिंता सताये बर धर लिस, पढ़ लिख के नोकरी मिलही कि नही। दाई ददा मन आस बाँधे रहय। *कभू सोचँव कास लड़की होतेंव त बर बिहाव होके अपन चूल्हा चाकी करतेंव, फोकट नोकरी चाकरी के चिंता तो नइ रितिस।* कालेज म शुरू ले NSS म रेहेंव, जेखर ले मोर सांस्कृतिक पक्ष अउ मजबूत होइस,गाँव म तो सेवा, भजन चलते रहय। अपन ज्ञान ल बढ़ाये बर पइसा के डर म ट्यूशन घलो कभू नइ करेंव। कालेज म एको साल प्रथम नइ आयेंव फेर प्रथम ईयर म फाउंडेटन कोर्स, द्वितीय वर्ष केमेस्ट्री अउ तृतीय वर्ष म फिजिक्स म टॉप करेंव। कालेज सम्मान घलो करिस। कुल 60.44% के साथ स्नातक पास करेंव। अउ कालेज म ही फिजिक्स पढाहूँ कहिके आवेदन लगाएंव, उही बीच म घनघोर जंगल छुरिया ब्लाक के औंधी म शिक्षा कर्मी वर्ग 3 के फार्म डाले रेंहेंव तेखर बुलावा आइस। येखर पहली 12 वी बेस म ही रेलवे म गैंगमेन ट्रैकमैन के परीक्षा दिए रेंहेंव, अउ कालेज के आखरी बछर म ही बाल्को प्लांट के कैम्पस अटेंन करे रेंहेंव। ग्राम औंधी म शिक्षाकर्मी के नोकरी करतेंव तेखर पहली 10 अगस्त 2006 के राखी तिहार के दिन,अखण्ड रामायण म बैठे रेंहेंव त,बाल्को डहर ले नोकरी के काल आगे। वो समय बाल्को 5000 अउ गुरुजी म 2832 रुपिया कुछ तंखा रिहिस मैं बाल्को म जाए खातिर कोरबा आगेंव अउ 14 अगस्त 2006 के ड्यूटी ज्वाइन कर लेंव। कैम्पस म पेपर देवाये के घलो अजीब  संजोग रिहिस।  मैं अपन महतारी के संग धान बेचे बर पास के गांव के सोसाइटी गे रेंहेंव, अउ उही मेर हाईस्कूल म घलो, गेस्ट मैट्स टीचर के पोस्ट निकले रिहिस, त सब मार्कसीट वगैरह रखे रेंहेंव, उंहे जमा करहूँ कहिके। एक झन ग्रेडर धान के मूल्यांकन करे बर आइस त ओखर हाथ म रहे वो दिन के पेपर म कालेज प्रांगण म बाल्को के होवइया कैंपस के विज्ञापन रहय, वोला देखते ही ऊँहिचे बस बइठ के(हमेशा साइकिल म जाँव वो दिन पहली बेर बस म कालेज  गेंव) कालेज चल देंव, बने से पेपर घलो देंव, सब सर्टिफिकेट ल घलो देखायेंव, 50 म 46 नम्बर पाके इंटरव्यु म घलो शामिल होगेंव।अउ गाँव के दुकान के फोन नम्बर देके घर आ गे रेंहेंव। 

               बाल्को म आये के बाद गोरमेंट कालेज म MSC मैथ्स बर आवेदन करेंव फेर बाद म पता चलिस के वो साल कोनो स्टूडेंट नइ होय के कारण कालेज ह नइ पढ़ाये, मैं हिंदी  बर  फार्म ल बदल देंव, हिंदी विषय के बनेच पढ़इया रहय फेर मोला मोर संकल्प सताये लागिस प्रथम वाला, अउ वो दरी साकार घलो होइस। काम के साथ साथ पढ़ई करत एम ए हिंदी म दूनो साल कक्षा म प्रथम आयेंव। अइसन बिल्कुल नइहे कि मोला हिंदी के जादा ज्ञान हे, अभो घलो हिंदी कविता लिखे बर हाथ कांपते, विशेषकर व्याकरण के ज्ञान होय के बाद, वो समय सिर्फ पढ़ के प्रथम आये रेंहेंव।  एम.ए. म मोला 62%मार्क्स मिलिस,मोला बड़ खुशी होइस। भगवान ल बार बार धन्यवाद करेंव, नोकरी चाकरी घलो मिल गे रिहिस। गाँव म ट्यूशन पढ़ाये के आदत रिहिस  त कोरबा म कइसे छूट जातिस,उहचो पढावंव।विभागीय प्रमोशन बर एम बी ए घलो करेंव, उहचो 60%ले ऊपर ग्रेड मिलिस। पढ़े के लालच बने रिहिस अर्थशात्र के तक फार्म भरेंव दू पेपर दे रेंहेंव ताहन होली म आँखी म गुलाल घूँसे के बाद आंख म एम्फेक्सन होगे तेखर सेती बाकी पेपर छूट गे, अउ ईलाज बर चैन्नई चल देंव। उहँचे पहली बार 2012 म समुंदर देखेंव। अर्थशास्त्र के दू पेपर म 100 म 76 अउ 73 आये रिहिस। फेर बाकी तो जीरो रिहिस। हिंदी ल ही आघू बढ़ाये के विचार मन म आइस, त हिंदी म नेट अउ सेट के एग्जाम घलो  निकालेंव, फेर पोस्ट जादा नइ निकले के कारण ओखर फायदा नइ मिलिस, अभो घलो बाल्को म नोकरी चलत हे। पढाई लिखाई म का सपना रिहिस अउ कतका निभायेंव आप मनके सामने हे।


जीतेंन्द्र वर्मा"खैरझिटिया"

बाल्को,कोरबा(छग)

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