Tuesday 13 April 2021

फेर एक अउ खूनी खेल,,, दुखद

 फेर एक अउ खूनी खेल,,,  दुखद


काबर लालेच म खेलथस???

ंंंंंंंंंंंंंंंंंं

अऊ तो रंग बहुत हे.

काबर लालेच म खेलथस ?

हॉसत खेलत जिन्गी म,

काबर बारूद मेलथस. !!

पीके पानी फरी,

जुडा़ अपन नरी,

फेर काबर लहू पियत हस ?

मनखे अस मन म समा,

रक्सा कस का जियत हस !

हरिंयर रंग हरागे हे,

ललहूं होगे हे माटी !

थोरकन तो दया धरम देखा,

का पथरा के हे तोर छाती?

भरके बंदूक म  गोली,

निरदई कस ठेलथस......

अऊ तो रंग ............

.............खेलथस  ???


बंदूक गईंज चलायेस,

कभू राज चला के देख !

मारे हस जेखर गोंसईंया,बेटा ल,

ओखरो घर आके देख,!.

मनखे होके मनखे ल ,                                                                                                                                                                     खावत हस नोंच नोंच !

फिलगे हे अचरा आंसू म,

अब ताे दाई के आंसू पोंछ !

छेदा छेदा के बम बारूद म,

दाई के छाती चानी हाेगे हे !

तरिया ढोंड़गा नरवा के पानी,

ललहुं  बानी होगे हे  !

कोन देखाथे ऑखी तोला,

बता!! का बात ल पेलथस .?.......

अऊ तो रंग................

.....................खेलथस ??


जंगल के जीव जीवलेवा हे,

फेर तोर जइसे नही,!

कहां लुकाबे बनवासी बन,

जब राम आ जही!

छीत मया के रंग,

अऊ खेल रंग गुलाल ले,!

नाच पारा -पारा बाजे नंगाडा़!

निकल जंगल के जाल ले!

खेल खेल म का खेले तैं,

मनखे के जीव लेलेय तैं,

अति के अंत हब ले होही,

बात मोर मान ले!

लड़ना हे त देश बर लड़,

छाती फूलाके शान ले!

फूल-फूलवारी मितान बना,

आखिर काखर बात ल हेलथस??

अऊ तो रंग.....................

.............................खेलथस????

जीतेन्र्द वर्मा

खैरझिटी(राजनांदगांव)

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