Thursday, 23 January 2025

नारा नहीं है स्वच्छता,

 गीत


नारा नहीं है स्वच्छता,

 है जीवन का अंग।

 जिसने भी अपनाया इसको,

 उसको मिली उमंग।।


 आसपास हो घर द्वार हो,

 या हो अपनी काया।

 साफ सफाई है जरूरी,

 सभी रतन धन माया।।

 स्वस्थ रहने का यह मंत्र है,

 भरे जीवन में रंग---

 नारा नहीं है स्वच्छता है,

 जीवन का अंग।।


 धारा स्वच्छ हो गगन स्वच्छ हो,

 स्वच्छ हो पानी पवन।

 चारों ओर रहे स्वछता,

 घर बन तन और मन।।

 स्वस्थ रहेंगे तभी जीतेंगे, 

जिंदगी का हर जंग---

 नारा नहीं है स्वच्छता,

 है जीवन का अंग।।

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