रंग रंग के गहना गुठिया-लावणी छंद
रंग रंग के गहना गुठिया, पहिरें बेटी माई मन।
खुले रूप सजधज बड़ भारी, सँहिरायें मनखें सबझन।।
सूँता सुर्रा सुँतिया सँकरी, साँटी सिंगी अउ हँसली।
चैन चुड़ी सोना चांदी के, आये असली अउ नकली।।
कड़ा कोतरी करण फूल फर, ककनी कटहर अउ करधन।
रंग रंग के गहना गुठिया, पहिरें बेटी माई मन।।
बिधू बुलाक बनुरिया बहुटा, बिछिया बाली अउ बारी।
बेनिफूल बघनक्खा बिछुवा, माला मुँदरी मलदारी।।
चुटकी चुरवा औरीदाना, पटा पाँख पटिया पैजन।
रंग रंग के गहना गुठिया, पहिरें बेटी माई मन।।
तोड़ा तरकी टिकली फुँदरी, रुपिया लगथे बड़ अच्छा।
पटा लवंग फूल नथ लुरकी, झुमका ऐंठी अउ लच्छा।।
ढार नांगमोरी नकबेसर, पैरी बाजे छन छन छन।
रंग रंग के गहना गुठिया, पहिरें बेटी माई मन।।
कटवा कौड़ी फुल्ली पँहुची, खूँटी खिनवा गहुँदाना।
हार हमेल किलिप हर्रइयाँ, माथामोती पिन नाना।।
सोना चाँदी मूंगा मोती, गहना गुठिया आये धन।
रंग रंग के गहना गुठिया, पहिरें बेटी माई मन।।
जीतेन्द्र वर्मा"खैरझिटिया"
बाल्को, कोरबा(छग)
No comments:
Post a Comment