Thursday 20 July 2017

तिहार देख ले

तिहार देख ले आ हमर गांव के, तिहार देख ले। सुग्घर लीपे-पोते, घर दुवार देख ले। काय हरे हरेली, काय हरे तीजा - पोरा। कोन-कोन तिहार बर, कइसन होथे जोरा। झूमय नाचे सबो झन,मिंझरे पिंयार देख ले। आ हमर गांव के , तिहार देख ले।1 राखी पुन्नी सवनाही , सोम्मारी कमरछठ। राँध खीर बरा-सोंहारी , खाथे सबो छक। झूलना झूलेआठे-कन्हैया, मिंयार देख ले। आ हमर गांव के,तिहार देख ले।2 मुसवा संग मुस्काये, गली-गली गनपति। जस गाये दाई दुर्गा के, मनाये सरसती। राम जी के जीतई अउ,रावन के हार देख ले। आ हमर गांव के , तिहार देख ले।।3 रामधुनी रामसत्ता, भागवत रमायेन। दियना देवारी के, जगमग जलायेन। परसा संग माते,नाचे खेत-खार देख ले। आ हमर गांव के, तिहार देख ले।।4 पूजा - पाठ बर-बिहाव, मड़ई अक्ति छेरछेरा। सुवा-करमा नाचा-गम्मत म,बीते कतको बेरा। नाँव के तिहार नही, असल सार देख ले। आ हमर गांव के, तिहार देख ले।।5 रचना - जीतेंद्र वर्मा "खैरझिटिया" बाल्को ,कोरबा छत्तीसगढ़

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