गीत-कारी घटा
कारी घटा तोला देखे कोन।
कोन बुलाथे बता सिरतोन।
तरिया नदिया कुँवा पियासे।
सबे लगाये हे तोर ले आसे।
गाये मोरनी गाये पपीहा।
तोर मा रमे हे सबके जी हा।
आ कहे आमा,साल सइगोन।
कारी घटा तोला देखे कोन।।
माटी ले मैं जुड़े हावँव।
सपना उही मा गुड़े हावँव।
नाम रटँव दिन रात मैं तोरे।
छत छँइहा के संसो छोड़े।
करथस तैं माटी ला सोन।
कारी घटा तोला देखे कोन।।
जीतेन्द्र वर्मा"खैरझिटिया"
बाल्को, कोरबा(छग)
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