बइगा गुनिया के चक्कर(चौपाई छंद)
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(16-16 मात्रा)
सरी मँझनिया घूमे टूरा।
सिरतों मा बइहा हे पूरा।
पीपर पेड़ तीर जा बइठे।
लोगन उँहा भूत हे कइथे।
झुँझकुर छइँहा हे मनभावन।
उँही मेर लागे सुरतावन।
बइठे टूरा गोड़ लमाये।
कौवा घुघवा देख डराये।
खारे खार कोलिहा भागय।
देखय भोड़ू बड़ डर लागय।
नांग साँप के हरय बसेरा।
झींगुर भाँवर डारे डेरा।
हवा चले बड़ डारा डोले।
रहि रहि के बनबिलवा बोले।
काँव काँव कौवा चिल्लाये।
टेटका बिन बिन चाँटी खाये।
साँप पेड़ के उप्पर नाचे।
चिरई अंडा कइसे बाँचे।
चील बाज हा बादर नापे।
भूँके कुकुर जिया हा काँपे।
झरे पछीना तरतर तरतर।
काँपय टूरा थरथर थरथर।
हुरहा बड़का डारा टूटे।
मुँह ले बोल कहाँ जी फूटे।
सुध बुध खोये भागे पल्ला।
पारा भर मा होगे हल्ला।
दाई दाई कहि चिल्लाये।
मनखे तनखे बड़ सँकलाये।
बोली बोलय आनी बानी।
डारव सिर मा ठंडा पानी।
खींच बाहरी कोनो मारव।
भूत धरे हे कोनो झारव।
लान जठावव खटिया खोर्रा।
मारव भँदँई मारव कोर्रा।
हाथ गोड़ ला चपकव दोनो।
जावव बइगा लानव कोनो।
जल्दी मरी मसान भगावव।
लइका लोग तीर झन आवव।
रोवय दाई बाबू बइठे।
आये बइगा मेंछा अँइठे।
आँखी मा छाये हे लाली।
पहिरे हावय माला बाली।
गुर्री गुर्री देखय बइगा।
कुकरी दारू माँगे सइघा।
भूत भाग जा रे पीपर के।
छीते राख जाप कर करके।
लानव खैरी कुकरी चंदन।
माँ काली के करहूँ बंदन।
लहूँ भरे हाथे हे लोटा।
देखय काँपे सबके पोटा।
बइगा लेवय लउहा लउहा।
जल्दी लानव लिमऊ मउहा।
हँसिया धरे करे दू चानी।
काटे लिमऊ फेकय छानी।
बोलय मंतर बड़ चिल्लाये।
कुकरी काटे बली चढ़ाये।
फूँके मंतर बाँधे डोरी।
पइसा माँगे चालिस कोरी।
बोले भूत भाग गे कहिके।
चेत ह आही थोरिक रहिके।
का होगे कहि डॉक्टर आगे।
बइगा गठरी बाँधे भागे।
बोले डॉक्टर चेकप करके।
गिरे हवय ए टूरा डरके।
जरत घाम मा लू के डर हे।
बइगा नइ जाने का जर हे।
दवई ला जब लइका पीही।
का होइस तेला वो कीही।
अस्पताल मा लेके जावव।
बइगा गुनिया झन देखावव।
भूत प्रेत के डर देखाके।
ले जाथे पइसा गठियाके।
भूत प्रेत अउ जादू टोना।
हरे वहम एखर गा होना।
बइगा तीर कभू झन जावव।
कहीं होय डॉक्टर देखावव।
जीतेन्द्र वर्मा"खैरझिटिया"
बालको(कोरबा)
9981441795
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