Tuesday, 25 June 2024

गीत-झन छोड़ मया ला।

 खैरझिटिया: गीत-झन छोड़ मया ला।


झन छोड़ मया ला।

झन छोड़ मया ला।।

हाय मोर मया ला।

हाय मोर मया ला।।

जान के तैंहा खेल खिलौना,

झन तोड़ मया ला—----------


मया हे ता,  सांस चलत हे।

मया मा मन पंछी पलत हे।।

बिन मया के तन न मन हे,

राखे रहिबे जोड़ मया ला—------


देखेंव सपना मया ला पा के।

सरी दुनिया ले दुरिहा जाके।।

बीच मझधार मा तैंहा सजनी,

झन बोर मया ला—-----------


लड़की

जरत हवों मैं अलथी कलथी।

होगे मोर ले काये गलती।।

अंतस मा बसाके रखे हँव,

सभदिन मैं तोर मया ला—----------


जीतेंद्र वर्मा"खैरझिटिया"

बाल्को कोरबा(छग)


 


No comments:

Post a Comment