खैरझिटिया: गीत-झन छोड़ मया ला।
झन छोड़ मया ला।
झन छोड़ मया ला।।
हाय मोर मया ला।
हाय मोर मया ला।।
जान के तैंहा खेल खिलौना,
झन तोड़ मया ला—----------
मया हे ता, सांस चलत हे।
मया मा मन पंछी पलत हे।।
बिन मया के तन न मन हे,
राखे रहिबे जोड़ मया ला—------
देखेंव सपना मया ला पा के।
सरी दुनिया ले दुरिहा जाके।।
बीच मझधार मा तैंहा सजनी,
झन बोर मया ला—-----------
लड़की
जरत हवों मैं अलथी कलथी।
होगे मोर ले काये गलती।।
अंतस मा बसाके रखे हँव,
सभदिन मैं तोर मया ला—----------
जीतेंद्र वर्मा"खैरझिटिया"
बाल्को कोरबा(छग)
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