योग(दोहा)
महिमा भारी योग के,करे रोग जर दूर।
जेहर थोरिक ध्यान दै,नफा पाय भरपूर।
थोरिक समय निकाल के,बइठव आँखी मूंद।
योग ध्यान तन बर हवे,सँच मा अमरित बूंद।
योग हरे सत साधना,साधे ते फल पाय।
कतको दरद विकार ला,तन ले दूर भगाय।
बइठव पलथी मार के,लेवव छोंड़व स्वॉस।
राखव मन ला बाँध के,नवा जगावव आस।
सबले बड़े मसीन तन,नितदिन करलव योग।
तन ले दुरिहा भागही,बड़े बड़े जर रोग।
योगा करलव रोज के, सुख के ये संजोग।
तन मन ला करथे बने, योग भगाथे रोग।
आही जीवन मा खुशी, तन के रखव खियाल।
कसरत बिन काया कभू, रहे नही खुशहाल।।
योग भगाथे रोग ला, देथे खुशी अपार।
रोजे समय निकाल के, योग करव दू बार।
जीतेन्द्र वर्मा"खैरझिटिया"
बाल्को(कोरबा)
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के सादर बधाई।।।
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