पीपर छाँव-चकोर सवैया(सिंहावलोकनी)
हाथ हला के हवा सँग मा हरसावत नाचय पीपर पात।
पात घमाघम डार चमाचम पेड़ तरी नइ घाम हे आत।।
आत छटा चिटको नइ चाँद के का कर डारय पूनम रात।
रात सही दिनमान जनावय काय करौं अब रात के बात।।
जीतेन्द्र वर्मा"खैरझिटिया"
खैरझिटिया
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