बुझो तो जाने-दोहा
करिया रँग के फूल हा, सिर के ऊपर छाय।
गरमी पानी मा खिले, बाकि समय मिटकाय।1
आघू पाछू बाप माँ, लइका मन हे बीच।
लेजय अपने संग मा, दुरिहा दुरिहा खीच।2
पर के साँसा मा चलय, तन हे लंबा गोल।
छेद गला अउ पेट मा, बोले गुरतुर बोल।3
जुड़वा भाई दास बन, रहे सबे दिन संग।
एक बिना बिरथा दुसर, एक दुनो के रंग।4
खटे सबे एकेक झन, का दिन अउ का रात।
इंखर सँग दुनिया चले, होवय भाई सात।5
पढ़े लिखे के काम बर, रखय कई झन संग।
नोहे कागज अउ कलम, नोहे कोनो अंग।6
जतिक देर पीये लहू, ततिक देर लै साँस।
ना रक्सा ना देवता, ना हाड़ा ना माँस।।7
तीन पेट दू गोड़ के, जुन्ना एक सियान।
दूसर थेभा मा चले, नइहे तन मा जान।।8
चार गोड़ के बोकरा, बोले ना बतियाय।
चढ़ना चाहे सब मनुष, झगरा घलो कराय।9
रंग बिरंगी छोकरी, मुँह ला रथे उलाय।
झुले झूलना खांध मा, खा पी के मोटाय।10
धरा उपर उल्टा कुँवा, चारो मुड़ा ढँकाय।
भरे सिराये रोज के, दुह दुह सब पी जाय।11
स्वेत रंग के एक ग्रह, जीव रहै जहँ एक।
पिंयर चाँद जल चिपचिपा, हड़पै दनुज अनेक।12
तीन गोड़ के केकड़ा, आलू जादा खाय।
तँउरे खौलत तेल मा, मनुष देख ललचाय।13
लुका जाय अँधियार मा, निकले देख अँजोर।
हरे नकलची बेंदरा, काम आय ना तोर।।14
करिया जंगल मा रथे, करिया रँग के शेर।
सुबे शाम पीये लहू, सहज दिखे नइ फेर।15
होली मा बिकथौं गजब, शहर लगे ना गाँव।
कथे सखा सुख दुःख के, बता चीज का आँव।16
बित्ता भर के छोकरी, रतिहा बेरा आय।
आग लगा के मूड़ मा, उजियारा फैलाय।17
हवा खाय मोटाय तब, हवा देख उड़ जाय।
हवा चलत हे एखरे, लइकन ला रोवाय।।18
बिना जीव के कोकड़ा, नापे ऊँच अगास।
एक पूँछ हाड़ा दुई, आवय सब ला रास।।19
चढ़े रथे जे नाक मा,धरे रथे जे कान।
मजबूरी कतकोन के,ता कतको के शान।20
लइका मा पीयर दिखे,किशोरहा हरियाय।
लाल बुढ़ापा मा लगे,सबके मन ला भाय।21
दुनो हाथ अउ गोड़ मा,रहे सबे दिन संग।
काट काट सब फेकथे,हरे बदन के अंग।22
जल लाये पाताल ले,भागीरथ कस काम।
सबके प्यास बुझाय जे,का ओखर हे नाम।23
कौड़ी के ना काम के,छोड़े नही ग संग।
मरे कटे नइ वो कभू,रइथे करिया रंग।24
रोजे बिहना माँजथे,आरा ला बत्तीस।
दुई चिराके हो जथे,करे तभो ना रीस।25
हाथ गोड़ दोनों नही,दुनिया तभो घुमाय।
बिन मुँह बाँटे ज्ञान ला,बता चीज का आय।26
जेखर छाती मा चले,मोटर गाड़ी कार।
चुपे चाप जेहर सहे,सबे चीज के भार।27
अपन अपन मा हे मगन,जेला धर सब हाथ।
बाप संग बेटा भिड़े,बबा ठठाये माथ।28
जीतेन्द्र वर्मा"खैरझिटिया"
बाल्को,कोरबा(छग)
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