Monday, 12 August 2024

कोनो लिखो न गा पाती"

 📝किसन्हा आशिक.....


"कोनो लिखो न गा पाती"

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मोर छाती सही भूंइया,

अब दर्रा हनत हे |

बिन पानी बादर,

न बियासी बनत हे |

अईलात हे सपना हमर,

गिरे पाना बरोबर,

तागा कस तन,

बैरी घाम म तनत हे |

भभकत हे जिवरा,

बिन तेल कस बाती.........|

बादर ल बरसाय बर,

कोनो लिखो न गा पाती....|

                  जीतेन्द्र वर्मा

               Khairjhiti

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