Thursday, 12 September 2024

अब का पोरा-जांता जी ?

 📝किसन्हा आशिक.............

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      अब का पोरा-जांता जी ?


अब का पोरा जांता जी ?

ठाढे़ अंकाल के मारे,

होगेव चउदा बांटा जी |


सपना ल दर-दर जांता म,

कब तक मन ल बांधव ?

चांउर-दार पिसान नइहे,

का  कलेवा   रांधव  ?

भभकत मंहगाई म,

अलथी कलथी भुंजात हौ |

भात- बासी ल तको,

चटनी  कस  खात  हौ   |

उबके हे लोर तन भर,

पड़े हे गाल म चांटा जी....|

अब का पोरा जांता जी....?


सिरतोन के बईला भूख मरे,

का  जिनिस  खावाहूं  |

माटी के बईला बनाके,

अब का करम ठठाहूं |

किसान  अउ गाय-गरूवा,

जघा-जघा कुटात हे |

सहर-नगर म कहॉ,

कोनो पोरा मनात हे ?

कइसे नाचे नंदियॉ बईला,

गड़गे गोड़ म कांटा जी.......|

अब का पोरा जांता जी.......|


गांव के गरीब किसन्हा,

कब तक चिमोटे रिही |

जुग अउ समाज के संग,

बिधाता के जुलूम होते रिही|

अइसन जमाना म,

पोरा-जांता नंदा झिन जाय |

बईला के जघा म किसन्हा,

फंदा    झिन    जाय |

हिरदे छर्री-दर्री होगे,

कोन लगाही टांका जी......|

अब का पोरा-जांता जी....?


      जीतेन्द्र वर्मा"खैरझिटिया"

     बाल्को(कोरबा) छ.ग.

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