Monday, 30 September 2024

विश्व रेबीज डे" के अवसर मा* सरसी छंद -गीत

 *"विश्व रेबीज डे" के अवसर मा*


सरसी छंद -गीत


भूं भूं भूं भूं गली खोर मा, करँय कुकुर मन रोज।

रेंगव सबझन साव चेत हो, अपन पाथ मा सोज।।


कई पोंसवा कई सीधवा, कई करें उत्पात।

हबक दिही कब काय भरोसा, हरे कुकुर के जात।।

चाबे चाहे नख गड़ जाये, लेवव टीका डोज।।

भूं भूं भूं भूं गली खोर मा, करँय कुकुर मन रोज।।


जहर कुकुर के होथे घातक, तुरते करव उपाय।

झट ले जावव डॉक्टर तीरन, नइ ते होथे बाय।।

दे देहे विग्यान मनुष ला, रेबीज दवा खोज।

भूं भूं भूं भूं गली खोर मा, करँय कुकुर मन रोज।।


देव दवाई टीका गोली, तब घर भीतर लाव।

रखव कुकुर ला कुकुर बरोबर, देव मनुष ला भाव।।

कई कुकुर बइठे गद्दी मा, बनके राजा भोज।

भूं भूं भूं भूं गली खोर मा, करँय कुकुर मन रोज।।


जीतेन्द्र वर्मा"खैरझिटिया"

बाल्को,कोरबा(छग)

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