तिहार के बिहान दिन
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तिहार के बिहान दिन।
कोनो नइ धियान दिन।
जला के दीया,
मनाइन देवारी ।
उजराके चारो - खूंट,
भगाइन अँधियारी ।
लीप-पोत के घर-दुवार ल,
चकचक ले करे रिहिन।
घर-बार पारा-परोसी बर,
सुघ्घर मया गढ़े रिहिन।
फेर जस के तस होगे,
मनखे मन आनदिन.......|
तिहार के बिहान दिन |
कोनो नइ धियान दिन |
रंगे रिहिन, दया - मया के रंग म।
नाचत रिहिन,संगी साथी संग म ।
बजात रिहिन, मिलजुल नँगाड़ा।
घूमत रिहिन, ए पारा ले ओ पारा।
दुरिहाके दूसर दिन मया के रंग ले,
मन ल छल म, सान दिन..........|
तिहार के बिहान दिन,
कोनो नइ धियान दिन।
पोरा के दिन , पोठ रोटी खाइन।
तीजा बर , बहिनी ल लाइन।
एकादसी सोम्मारी , जुड़वास रिहिन।
आठे - कन्हईया , उपास रिहिन।
गनेस जी के आघू म,नाचत रिहिन।
रामसत्ता म ,राम - राम बॉचत रिहिन।
नवरात्रि म मनाइन , दुर्गा - सरसती।
दसेरा म देखिन, रावन के दुरगति।
छेरछेरा म बाँटिन,ठोमहा-ठोमहा धान ,
दूसर दिन,लांघन ल नइ खानदिन---
तिहार के बिहान दिन ।
कोनो नई धियान दिन ।
एक दिन , दाई - ददा पूजिन।
एक दिन , गुरु गुरु कहिके कूदिन।
एक दिन भगत बनिन,
एक दिन नेकी - धरमी।
तिहार तियार करिस मनखे ल,
फेर चढ़ गिस गरमी।
करू - करू गोठियाइन खुदे,
न दूसर ल,मीठ बतियान दिन।
तिहार के बिहान दिन।
कोनो नई धियान दिन।
एकदिन चुपरिन,चन्दन चोवा।
एकदिन दिखिंन, धोवा-धोवा ।
एकदिन रमायेन,के बात करिन।
एकदिन अंधरा ,के हाथ धरिन।
एकदिन माटी पूत होगिन।
एकदिन बर सपूत होगिन।
एकदिन झंडा फहराइन।
एकदिन जयकारा लगाइन।
ताहन भुलागिन ओला,
जेन देस बर जानदिन ।
तिहार के बिहान दिन ।
कोनो नइ धियान दिन ।
कहूँ तिहार के मीठ बात ल,
सबो माने बर तियार होतिस।
त सिरतोन म संगवारी,
बछर भर तिहार होतिस।
जीतेन्द्र वर्मा"खैरझिटिया"
बालको(कोरबा)
9981441795
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