Sunday 6 November 2022

तिहार के बिहान दिन ------------------------------------

 तिहार के बिहान दिन

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तिहार के बिहान  दिन।

कोनो नइ धियान दिन।


जला      के        दीया,

मनाइन         देवारी ।

उजराके   चारो  -  खूंट,

भगाइन       अँधियारी ।

लीप-पोत के घर-दुवार ल,

चकचक   ले  करे रिहिन।

घर-बार  पारा-परोसी  बर,

सुघ्घर  मया   गढ़े रिहिन।

फेर   जस  के  तस  होगे,

मनखे मन आनदिन.......|

तिहार  के   बिहान  दिन |

कोनो  नइ   धियान दिन |


रंगे रिहिन, दया - मया  के रंग म।

नाचत रिहिन,संगी  साथी संग म ।

बजात रिहिन,  मिलजुल  नँगाड़ा।

घूमत रिहिन, ए पारा ले ओ पारा।

दुरिहाके दूसर दिन मया के रंग ले,

मन ल छल म, सान दिन..........|

तिहार     के       बिहान       दिन,

कोनो   नइ       धियान     दिन।


पोरा  के  दिन ,  पोठ  रोटी खाइन।

तीजा   बर  ,  बहिनी    ल  लाइन।

एकादसी सोम्मारी , जुड़वास रिहिन।

आठे  -  कन्हईया   , उपास   रिहिन।

गनेस जी के आघू म,नाचत   रिहिन।

रामसत्ता म ,राम - राम बॉचत रिहिन।

नवरात्रि म मनाइन , दुर्गा  - सरसती।

दसेरा म देखिन, रावन के    दुरगति।

छेरछेरा म बाँटिन,ठोमहा-ठोमहा धान ,

दूसर दिन,लांघन  ल नइ  खानदिन---

तिहार        के        बिहान    दिन ।

कोनो        नई        धियान   दिन ।


एक दिन ,  दाई - ददा  पूजिन।

एक दिन , गुरु गुरु कहिके कूदिन।

एक    दिन       भगत  बनिन,

एक    दिन    नेकी  - धरमी।

तिहार तियार करिस मनखे ल,

फेर  चढ़ गिस  गरमी।

करू  - करू  गोठियाइन  खुदे,

न दूसर ल,मीठ बतियान दिन।

तिहार    के  बिहान       दिन।

कोनो    नई  धियान      दिन।


एकदिन चुपरिन,चन्दन चोवा।

एकदिन दिखिंन,  धोवा-धोवा ।

एकदिन रमायेन,के बात करिन।

एकदिन  अंधरा ,के हाथ धरिन।

एकदिन   माटी    पूत होगिन।

एकदिन   बर    सपूत होगिन।

एकदिन   झंडा     फहराइन।

एकदिन   जयकारा लगाइन।

ताहन  भुलागिन       ओला,

जेन   देस     बर   जानदिन ।

तिहार      के   बिहान  दिन ।

कोनो       नइ  धियान दिन ।


कहूँ तिहार  के मीठ बात  ल,

सबो माने बर तियार होतिस।

त   सिरतोन    म    संगवारी,

बछर  भर   तिहार    होतिस।


       जीतेन्द्र वर्मा"खैरझिटिया"

                  बालको(कोरबा)

                   9981441795

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