Saturday 30 December 2023

विकास बर विनास(गीत)

 विकास बर विनास(गीत)


फकत लकड़हारा अउ, टँगिया बदनाम हे।

हाथ म विकास के, जल जंगल नीलाम हे।


सड़क झड़क दिस, भात बासी रुक्ख ला।

बेबस हे पर्यावरण, कहय काय दुक्ख ला।

सुख सुविधा स्वारथ मा, लूट खुले आम हे।

हाथ म विकास के, जल जंगल नीलाम हे।।


जंगल मा कब्जा, व्यपारी के हो गे।

खुले कारखाना, खेती बाड़ी सो गे।

जहर महुरा उगले, तभो नइ लगाम हे।।

हाथ म विकास के, जल जंगल नीलाम हे।


भुइयाँ खोदागे, सोन चाँदी के आस मा।

जल जंगल बेचागे, शहरी विकास मा।।

नवा नवा मसीन मा, कटत पेड़ तमाम हे।।

हाथ म विकास के, जल जंगल नीलाम हे।


सरकारी आदेश मा, पेड़ पहाड़ कटगे।

भुइयाँ सुरंग बनगे, नदी नरवा पटगे।।

पेड़ लगाओ कहिके, चोचला सुबे शाम हे।।

हाथ म विकास के, जल जंगल नीलाम हे।।


मरे जिवो होवत हे, प्रकृति के क्षरण।

नेत नियम भुलागे, हावय पर्यावरण।

बेमौसम हवा पानी, मरत ले घाम हे।

हाथ म विकास के, जल जंगल नीलाम हे।।


जीतेंन्द्र वर्मा"खैरझिटिया"

बाल्को,कोरबा(छग)

जरूर देखव-

https://youtu.be/qG4BPW_ssNw


हसदेव अरण्य बचाओ,, छत्तीसगढ़ बचाओ।।

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