Friday 21 May 2021

लावणी छंद-जीतेंद्र वर्मा"खैरझिटिया"

 लावणी छंद-जीतेंद्र वर्मा"खैरझिटिया"


धन्यवाद कहिके बोचकना,बता हमर का रीत हरे।

देखा देखी हमू कहत हन, इही हमर का जीत हरे।


धन्यवाद कहि बाप ल बेटा, अउ कहि बाप ह बेटा ला।

धन्यवाद कहि लुका जही ता, बने कबे का नेता ला।।

सुख दुख के सब साथी आवन, इही मया अउ मीत हरे।

धन्यवाद कहिके बोचकना,बता हमर का रीत हरे।।।।।।


बखत परे मा काम आय के, करजा हा रथे उधारी।

दीन दुखी के पीरा हरथे, उँखरे होथे नित चारी।।

नेक नियत हा धन दौलत अउ, गुरतुर बानी गीत हरे।

धन्यवाद कहिके बोचकना,बता हमर का रीत हरे।।।


धन्यवाद के बिना घलो तो, पुरखा मन गुणवान रिहिन।

मदद करैया मनखे मन हा, मनखे बीच महान रिहिन।।

बात बात मा बरसत हे ते, शब्द बता सत प्रीत हरे।।

धन्यवाद कहिके बोचकना,बता हमर का रीत हरे।


जीतेन्द्र वर्मा"खैरझिटिया"

बाल्को, कोरबा(छग)

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