Thursday 13 May 2021

गीत

 गीत

मया होगे हे, मया हो गेहे।

चैन जिया के खो गेहे।।


मन नइ लागे कुछु करे के,

 सुध बुध तक भुलागे हौं।

कइसे लहुटँव प्रीत डहर ले, 

अड़बड़ आघू आगे हौं।


जागे दिन अउ रात जिया हा,

नैन भले मोर सो गे हे-----।।


मारे ताना मोला जमाना, 

तभ्भो धरे हँव प्रीत के बाना।

भूख लगे ना प्यास लगे, 

अधर मा रहिथे प्रीत के गाना।


मोहनी सुरतिया मन मा मोरे,

अइसन मया मो गे हे---------।


जीतेन्द्र वर्मा"खैरझिटिया"

बाल्को, कोरबा

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