Tuesday 31 January 2023

गीत-जा रे परेवना

 गीत-जा रे परेवना


जा रे परेवना पाती देके आ जा।

शहर नगर मा रइथे मोर राजा।।


जागे न सुते हँव बिना पिया के।।

रोई रोई लिखे हँव हाल जिया के।

बाजय घड़ी घड़ी दुःख के बाजा।

जा रे परेवना पाती दे के आ जा।


नइ चाही धन दौलत महल अटारी।

लाँघन रहिथे हँव भूख ला मारी।।

कइसे जीयत हँव लगा अंदाजा।

जा रे परेवना पाती दे के आ जा।


पाती पढ़के आही पिया जल्दी गाँव मा।

जिनगी बिताहूँ बढ़िया पिरीत के छाँव मा।

रद्दा जोहत हँव खोल दरवाजा।

जा रे परेवना पाती दे के आ जा।


जीतेन्द्र वर्मा"खैरझिटिया"

बाल्को,कोरबा(छग)

No comments:

Post a Comment