Saturday 14 January 2023

गीत-कोरोना

 गीत-कोरोना


चाइना के समान, चार दिन मा होगे चूर।

फेर कोरोना बइरी करे, रहिरहि मजबूर।।


उन्नीस ले बीस होगे, अउ होगे तेइस।

जब जब आइस हे, बड़ दुख हे देइस।

मनखे हलकान होगे, बनगे लंगूर।

ये कोरोना बइरी करे, रहिरहि मजबूर।।


लाकडाउन के सुरता करत, काँप जाथे पोटा।

कोरोना हा मारत हे, खेवन खेवन आके सोंटा।

जर बुखार सर्दी संग, आय खाँसी खूरखूर।

ये कोरोना बइरी करे, रहिरहि मजबूर।।


मनखे ला मनखे के, बना देहे बइरी।

आगी लगा देहे अउ, मता देहे गइरी।

सुखचैन के फुटगे दुहना, होगे कतको दूर।

ये कोरोना बइरी करे, रहिरहि मजबूर।।


जीतेन्द्र वर्मा"खैरझिटिया"

बाल्को,कोरबा(छग)

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