देश भक्ति घनाक्षरी-जीतेन्द्र वर्मा"खैरझिटिया"
आज बिहना के होती, एती वोती चारो कोती।
तन मन मा सबे के, देश भक्ति जागे हवै।।
खुश हे दाई भारती, होवय पूजा आरती।
तीन रंग के तिरंगा, गगन मा छागे हवै।।
दिन तिथि खास धर, आशा विश्वास भर।
गणतंत्रता दिवस, के परब आगे हवै।।
भेदभाव ला भुलाके, जय हिंद जय गाके।
झंडा फहराये बर, सब सँकलागे हवै।।
खैरझिटिया
गणतंत्रता दिवस के बहुत बहुत बधाई
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@@@हमर तिंरगा(दोहा गीत)@@@
लहर लहर लहरात हे,हमर तिरंगा आज।
इही हमर बर जान ए,इही हमर ए लाज।
हाँसत हे मुस्कात हे,जंगल झाड़ी देख।
नँदिया झरना गात हे,बदलत हावय लेख।
जब्बर छाती तान के, हवे वीर तैनात।
संसो कहाँ सुबे हवे, नइहे संसो रात।
महतारी के लाल सब,मगन करे मिल काज।
लहर------------------------------- आज।
उत्तर दक्षिण देख ले,पूरब पश्चिम झाँक।
भारत भुँइया ए हरे,कम झन तैंहर आँक।
गावय गाथा ला पवन,सूरज सँग मा चाँद।
उगे सुमत के हे फसल,नइहे बइरी काँद।
का का मैं बतियाँव गा,हवै सोनहा राज।
लहर------------------------------लाज।
तीन रंग के हे ध्वजा, हरा गाजरी स्वेत।
जय हो भारत भारती,नाम सबो हे लेत।
कोटि कोटि परनाम हे,सरग बरोबर देस।
रहिथे सब मनखे जुरे, भेदभाव ला लेस।
जनम धरे हौं मैं इहाँ,हावय मोला नाज।
लहर-----------------------------लाज।
जीतेन्द्र वर्मा"खैरझिटिया"
बाल्को(कोरबा)
गणतन्त्रता दिवस की ढेरों बधाइयाँ🙏🙏💐💐
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