तिहार देख ले-(गीत)
-----------------------------------------------
आ हमर गांव के , तिहार देख ले।
सुग्घर लीपे-पोते,घर दुवार देख ले।
काय हरे हरेली,काय हरे तीजा-पोरा।
कोन-कोन तिहार बर,कइसन होथे जोरा।
झूमैं नाचैं सबो झन,मिंझरे पिंयार देख ले।
आ हमर गांव के , तिहार देख ले------।
राखी पुन्नी सवनाही,सोम्मारी कमरछठ।
राँध के बरा सोहारी,खाथैं सबो छक।
झुलना झूलै कन्हैया,मिंयार देख ले।
आ हमर गांव के , तिहार देख ले।
मुसवा संग मुस्काये,गली-गली गनपति।
जस गाये दाई दुर्गा के,मनाये सरसती।
राम जी के जीतई ,रावन के हार देख ले।
आ हमर गांव के , तिहार देख ले------
रामधुनी रामसत्ता,भागवत रमायेन।
दियना देवारी के,जगमग जलायेन।
परसा संग माते,खेत-खार देख ले।
आ हमर गांव के , तिहार देख ले।
पूजा-पाठ बर-बिहाव,मड़ई अक्ति छेरछेरा।
सुवा-करमा नाचा गम्मत म,बीते कतको बेरा।
बस नाँव के तिहार नही,असल सार देख ले।
आ हमर गांव के , तिहार देख ले--------
जीतेंद्र वर्मा"खैरझिटिया"
बाल्को(कोरबा)
No comments:
Post a Comment