Saturday 17 September 2022

गणेश चतुर्थी के आप सबों ल सादर बधाई

 गणेश चतुर्थी के आप सबों ल सादर बधाई


गणपति देवा-आल्हा छंद गीत(खैरझिटिया)


मुस्कावत हे गौरी नंदन, मुचुर मुचुर मुसवा के संग।

गली गली घर खोर म बइठे, घोरत हवै भक्ति के रंग।


तोरन ताव तने सब तीरन, चारो कोती होवय शोर।

हूम धूप के धुवाँ उड़ावय, बगरै चारो खूँट अँजोर।

लइका लोग सियान सबे के, मन मा छाये हवै उमंग।

मुस्कावत हे गौरी नंदन, मुचुर मुचुर मुसवा के संग।।


संझा बिहना होय आरती, लगे खीर अउ लड्डू भोग।

कृपा करे जब गणपति देवा, भागे जर डर विपदा रोग।

चार हाथ मा शोभा पाये, बड़े पेट मुख हाथी अंग।

मुस्कावत हे गौरी नंदन, मुचुर मुचुर मुसवा के संग।।


होवय जग मा पहली पूजा, सबले बड़े कहावय देव।

ज्ञान बुद्धि बल धन के दाता, सिरजावै जिनगी के नेव।

भगतन मन ला पार लगावै, होय अधर्मी असुरन तंग।

मुस्कावत हे गौरी नंदन, मुचुर मुचुर मुसवा के संग।।


जीतेन्द्र वर्मा"खैरझिटिया"

बाल्को,कोरबा(छग)

No comments:

Post a Comment