तोरे विदाई देवा
तोरे बिदाई देवा।
लागे बड़ जीव लेवा।
झन जा तैं छोड़ मोला,
करहूँ काखर सेवा---।।
घर दुवार सुन्ना लगही,
जाबे जब तैंहा।
करहूँ काखर संग,
गोठ बात मैंहा।।
कौने ल भोग लगाहूँ,
लड्डू खीर मेवा----।।
झरझर आँसू झरही,
सुरता म तोरे।
लइकामन रोही गाही,
आसन तीर लोरे।
रटन लगाही जिवरा,
बनके परेवा-------।
आरती सजावौं रोज,
गुण ला तोर गावौं।
तोर चरण म बइठे,
मूड़ी नवावौं।
रहिरहि नैन म झुलही,
हार फूल जनेवा----।।
जीतेन्द्र वर्मा"खैरझिटिया"
बाल्को(कोरबा)छग
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