शत शत नमन- किस्मत बाई देवार जी ल,
किस्मत किस्मत के
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कखरो किस्मत किस्मत बाई कस,
करिया झन होय।
अइसने कोनो कलप-कलप मरही,
त ओखर नरी म करमा-ददरिया झन होय।
झन होय कोनो कला के गियानी।
बने राहय मनखे अड़हा-अग्यानी।
दुःख के बात ए,
कलाकार कलमकार कर।
पइसा-कउड़ी नइ हे,
जिनगी के उदिम मा,
दू बून्द आंसू चलही,
फेर आंसू झर-झर तरिया झन होय।
कखरो किस्मत किस्मत बाई कस,
करिया झन होय।
हे भगवान ! कलाकार बना,
त खाय-पीये बर धन-दउलत अपार बना।
कला झन दे वो मनखे ल,जे तरसे पाई-पाई बर,
तरसाना हे त रोजी-मंजूरी करइया बनिहार बना।
जे जनम-जनम ले तरसत हे दाना-दाना बर।
नेता बैपारी पोठाट हे,जियत हे रंग-रंग के
खाना बर।
मेहनत के थोरको फल तो मिले,
जनम जात खेत बारी परिया झन होय।
कखरो किस्मत किस्मत बाई कस,
करिया झन होय।
कोन सुध लिही, कला अउ कलाकार के?
बइठे हे बड़े मन,आंखी म फरिया डार के।
का अइसने गत होथे,बड़का नेता ब्यपारी के?
कला ल झन नांव मिले,गरीबी अउ लाचारी के।
सूजी गोभातिस त सहि लेतेन,
फेर सूजी सरिया झन होय।
कखरो किस्मत किस्मत बाई कस,
करिया झन होय।
जीतेन्द्र वर्मा"खैरझिटिया"
बालको(कोरबा)
9981441795
[पूण्य तिथि के बेरा म,किस्मत बाई देवार जी को अश्रुपूरित श्रद्धाञ्जलि]
उनके फेमस गीत
'चौरा में गोंदा रसिया मोर बारी मा पाताल रे चौरा मा गोंदा’
‘चल संगी जुर मिल कमाबो रे..’
‘करमा सुने ला चले आबे गा करमा तहूं ला मिला लेबो’,
‘मैना बोले सुवाना के साथ मैना बोले
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