Saturday 17 September 2022

कुंडलियाँ छंद

 कुंडलियाँ छंद


सत्ता खातिर रोज के, होवत हे गठजोड़।

नेता मन पद पाय बर, भागे पार्टी छोड़।

भागे पार्टी छोड़, मिले एखर ओखर ले।

पाँच साल बर वोट, पाय हे कुछु कर ले।

मत मरियादा मान, उड़त हे बनके पत्ता।

होय हार या जीत, सबे सपनावैं  सत्ता।


जीतेन्द्र वर्मा"खैरझिटिया"

बाल्को, कोरबा(छग)

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