Saturday 1 July 2023

सवैया-पावस

 सवैया-पावस 


पावस पावन आ बरसावन लागत हे रस धार सखा।

तरिया परिया हरिया भरगे जल लांघत हावय पार सखा।

गरजे बदरा चमके बिजुरी जस मातय हावय रार सखा।

झिंगुरा सँग दादुर गीत सुनावय लागय रोज तिहार सखा।

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