रानी अवंतीबाई बलिदान दिवस विशेष- सरसी छंद गीत
वीरांगना अवंती बाई, लोधी कुल के शान।
देश राज के रक्षा खातिर, होगिस हें बलिदान।
डलहौजी के हड़प नीति ले, होके रानी तंग।
सन सन्तावन मा बैरी सँग, खूब लड़िस हे जंग।
दाँत फिरंगी कटरत रिहिगिस, देख समुंद उफान।
वीरांगना अवंती बाई, लोधी कुल के शान।।
चढ़के घोड़ा गरजे रानी, धर चमकत तलवार।
काटे भोंगे बैरी मन ला, बहय लहू के धार।।
देख युद्ध कौशल रण भीतर, गूँजय गौरव गान।
वीरांगना अवंती बाई, लोधी कुल के शान।।
डर के मारे कतको राजा, होगिस बैरी साथ।
तभ्भो लड़िस अवंती बाई, सदा उठा के माथ।
जीते जीयत देश धरम के, जावन नइ दिस मान।
वीरांगना अवंती बाई, लोधी कुल के शान।।
जीतेंद्र वर्मा"खैरझिटिया"
बाल्को,कोरबा(छग)
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