नेता गिरी
खेमा बदले के खेल जारी हे।
पद पाये बर पेलम पेल जारी हे।।
कोई आत हे ता कोई जात हे,
राजनीति के पटरी मा रेल जारी हे।।
मुर्गी चोर मंगलू काटत हे उमरकैद,
खूनी नेता मन के बेल जारी हे।।
वोट पाये बर बाँट देथे जनता ला,
खुद के पेंशन पइसा बर मेल जारी हे।।
सच के होगे हवय राम नाम सत,
झूठ के जघा जघा सेल जारी हे।।
पास होगे नेता पद पाके सब मा,
बिकास बाबू के फेल जारी हे।।
बाँटे बर हे बैर तोर मोर नेता तीर,
सात पीढ़ी बर धन सकेल जारी हे।।
जीतेन्द्र वर्मा"खैरझिटिया"
बाल्को,कोरबा(छग)
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