कविता-QC
QCFI हे गजब काम के।
सफल हो जाबों येला थाम के।।
ये जब अपन गुण देखाथे।
समस्या तक अवसर बन जाथे।।
जड़ ले जुड़े लोग ला जोड़ के।
गुणवत्ता चक्र मा निचोड़ के।।
समस्या ला सब आघू लाथे।
ये बूता सबके मन भाथे।।
समस्या ला परिभाषित करके।
छोट बड़े सब बात ला धरके।।
प्रश्न पूछ अउ दिमाक लगा।
अध्ययन करथें सब सकला।।
जड़ मा समस्या के जाना होथे।
मूल कारण ला लाना होथे।।
उठथे जब महिनत के तूफान।
तब दिख जाथे समाधान।।
सोचे समझे ले बार बार।
सपना होय लगथे साकार।।
आथे जब बढ़िया परिणाम।
तब हो जाथे सफल काम।।
महिनत हा रंग लाथे अब्बड़।
मन मा खुशी छाथे अब्बड़।।
सोच समीक्षा जब पाथे पंख।
बजथे तब विकास के शंख।।
जेहर भी QCFI अपनाथे।
उहाँ सुख समृद्धि शांति छाथे।।
खैरझिटिया
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