सड़क के गरुवा गाय ला पहली खेदार जी
तुम्हर समूह संगठन दल बल ला टार जी।
सड़क के गरुवा गाय ला पहली खेदार जी।।
कुकरी बोकरा कस रोज पूजात हे गोधन।
नित सड़क मा जिनगी पहात हे,गोधन।।
नवा जमाना मा गाय गरु सड़क छाप होगे।
गाय गरुवा के पलई आज अभिशाप होगे।।
झट ले आघू बढ़ झन देख मुँह फार जी।
सड़क के गरुवा गाय ला पहली खेदार जी।।
रात मा चिन्हाय नही गाय गरु कारी।
आय दिन होवत रथे दुर्घटना भारी।।
मोटर गाड़ी जनधन कोनो नइ बाँचत हे।
सड़क मा चारो कोती काल नाँचत हे।।
बन असल गौरक्षक बोह ए भार जी।
सड़क के गरुवा गाय ला पहली खेदार जी।।
नवा तकनीकी तिरिया दिस गरुवा गाय ला।
विकास विज्ञान खड़ा कर दिस ये बाय ला।।
बचे गौठान चरवाहा ब्यारा बारी नइहे।
गोधन के आज चिटको पुछारी नइहे।।
सोच ये स्थिति के कइसे होही सुधार जी।
सड़क के गरुवा गाय ला पहली खेदार जी।।
जीतेंद्र वर्मा"खैरझिटिया"
बाल्को,कोरबा(छग)
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