टीबी रोग- दोहा छंद
बड़का बड़का रोग के, हवै दवाई आज।
घबराये मा नइ बने, करवावव ईलाज।।1
टीबी के लक्षण दिखे, डॉक्टर ला देखाव।
बेरा मा खाके दवा, झट बढ़िया हो जाव।।2
साँस फुले बाढ़े दरद, बिकट पछीना आय।
वजन घटे तीपे बदन, टीबी रोग झपाय।।3
खाँसी आथे रोज के, लहू घलो दिख जाय।
अँकड़े जकड़े तन बदन, जी मचले घबराय।।4
खाँसे छीके अउ छुये, मा फइले ये रोग।
जेन सावधानी रखें, पाये सुख संजोग।।5
इम्यूनिटी शरीर के, होथे जब कमजोर।
टीबी के बैक्टीरिया, दै तन ला झकझोर।।6
जेन छुपाये तेन हा, खुद बर काल बुलाय।
लक्षण देखत करँय दवा, समझदार उहि आय।।7
होय फेफली फेफड़ा, धूम्रपान दव त्याग।
बीड़ी अउ सिगरेट ए, तन बर बिखहर नाग।।8
खाना खावव ताकती, हरा साग फल फूल।
रखव सफाई सब तिरन, इहि सेहत के मूल।।9
जीतेन्द्र वर्मा"खैरझिटिया"
बाल्को, कोरबा(छग)
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