Saturday 1 July 2023

कुंडलियाँ छंद-एच आई वी रोग

 कुंडलियाँ छंद-एच आई वी रोग


लापरवाही झन करव, नइ ते होही काल।

जानकार बनके चलव, हाल रही खुशहाल।।

हाल रही खुशहाल, रोग जर तिर नइ आही।

रइही जे अंजान, ओखरे उपर झपाही।।

तन ला एड्स विषाणु, भीतरे भीतर खाही।

सावचेत हो जाव, करव झन लापरवाही।।


बीमारी हा एड्स के, होथे लाईलाज।

यौन जनित ये रोग ए, चेत जाव सब आज।

चेत जाव सब आज, दिखे लक्षण झट जागव।

डॉक्टर ला देखाव, दूर झन सच ले भागव।

समझदार बन रोज, निभावव दोस्ती यारी।

करत चलव परहेज, दूर होही बीमारी।


बीमारी यदि हे कहूँ, तभो झने घबराव।

डॉक्टर तिरन सलाह ले, उचित दवाई खाव।

उचित दवाई खाव, सावधानी बरतव नित।

दूसर ला झन होय, सम्हल के साथ चलव नित।

खुद समझव समझाव, देय नइ कोनो गारी।

बनहू लापरवाह, फैलही ये बीमारी।।



जीतेंद्र वर्मा"खैरझिटिया"

बाल्को,कोरबा(छग)

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