Thursday, 25 July 2024

काखर गुण जस गावौं-सार छंद

 काखर गुण जस गावौं-सार छंद


अद्भुत प्रतिभा भरे पड़े हे, काखर गुण जस गावौं।

उड़े हवा मा मैं मैं कहिके, वोला का समझावौं।।


कोनो जल ला कोनो थल ला, कोनो नभ ला नाँपे।

लड़े शेर बघवा भलवा ले, देखत जिवरा काँपे।।

दुर्लभ कारज करे कलेचुप, काखर नाम गिनावौं।

अद्भुत प्रतिभा भरे पड़े हे, काखर गुण जस गावौं।।


कोनो अतुलित बल के स्वामी, कोनो धन के राजा।

कोनो अद्भुत नाचे गाये, कोनो पीटे बाजा।।

कतको करतब हवै करइया, देख दंग रहि जावौं।

अद्भुत प्रतिभा भरे पड़े हे, काखर गुण जस गावौं।।


कलाकार के कला गजब हे, हावय सेवक दानी।

शूरवीर रँग रूप तेज मा, हें बड़ ज्ञानी ध्यानी।।

कठिन साधना सत जप तप ला, रोजे माथ नवावौं।

अद्भुत प्रतिभा भरे पड़े हे, काखर गुण जस गावौं।।


जीतेंद्र वर्मा"खैरझिटिया"

बाल्को, कोरबा(छग)

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