Monday, 8 July 2024

गाँव में आइये

 गाँव में आइये


जिंदगी यदि खास चाहिये, तो गाँव में आइये।

जमीनी आभास चाहिये, तो गाँव में आइये।।


माँ बाप दादा दादी, चाचा चाची नाना नानी,

पूरा परिवार पास चाहिये, तो गाँव में आइये।।


बस काटना है जिंदगी, तो जाकर रहो शहर में,

जीने का अहसास चाहिये,तो गाँव में आइये।।


गुरु है घर खेत कुँआ तालाब, पेड़ पगडंडियाँ,

नित नये अभ्यास चाहिये, तो गाँव में आइये।।


रंग पलपल बदलते नही, कोई गिरगिट के जैसा,

यार दोस्त बिंदास चाहिये, ,तो गाँव में आइये।।


जीतेन्द्र वर्मा"खैरझिटिया"

बाल्को, कोरबा(छग)

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