Monday, 15 July 2024

पाके पाके बिही

 जाम बिही तक खाय बर, सोचें पड़थे आज।

जर बुखार जुड़ हो जथे, बोलत आथे लाज।

खैरझिटिया

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पाके पाके बिही


पाके पाके बिही।

सोचत होहू दिही।

गय फोकट के जमाना,

कोनो पैसा मा लिही??

पाके पाके बिही-----1


चाँट चउमिन खाहू।

त चाँट के जाहू।।

फल फुलवारी खाही,

तिही हा जिही।।

पाके पाके बिही------2


पइधथे बेंदरा।

ता पर जथे चेंद्रा।

मनखे पइधही,

ता कोन बने किही?

पाके पाके बिही------3


लटलट ले फरे देख।

पारा परोसी जरे देख।।

दर्जन भर एके घांव,

झडक देथों मिही।

पाके पाके बिही--------4


कतको नइ खा सके।

कतको नइ पा सके।।

नवा जुग लील दिस,

बखरी बगीचा डिही।

पाके पाके बिही--------5


जीतेन्द्र वर्मा"खैरझिटिया"

बाल्को,कोरबा(छग)

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