Tuesday, 2 July 2024

जिनगी

 मिले मया आशीष नित, चलँव सबे ला जोर।।

एक बछर अउ बाढ़गे, उमर देखते मोर।।।।।


$$$$$$$$$ जिनगी $$$$$$$$$


नइ जानबे ता लगथे का ए जिनगी।

असल मा गुरु सखा दाई ददा ए जिनगी।।


आज हा तो बनाथे काली बर रद्दा।

नता ठिहा ठउर अउ पता ए जिनगी।।


नजर हे सब ऊपर ऊपर वाला के।

बरोबर तउलथे तराजू के पल्ला ए जिनगी।।


इँहिचे के करनी ला इँहिचेच भोगना हे।

धरम करम के कड़ा लेखा ए जिनगी।।


धन रतन नता रिस्ता दूत ए माया के।

पार निकल पेशी ए परीक्षा ए जिनगी।।


जीतेन्द्र वर्मा"खैरझिटिया"

बाल्को, कोरबा(छग)

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