Tuesday, 2 July 2024

कब आबे बेटा गाँव........

 महतारी दिवस म दाई के अन्तस्, लइका ल इही काहत हे,,,,

.....कब आबे बेटा गाँव........


चुंदी-मुड़ी पकगे बेटा,

थक्कगे हमरो जाँगर |

कलम चलायेल सीखेस रे बाबू,

टँगाय हे अब टूट के नाँगर |

एक बेर धरेस शहर के रस्ता |

ताहन लगगे तोला उँहा के चस्का |

सब झन पूछथे,,,,,

बड़ चलथे तोर नाँव....|

कब आबे बेटा गाँव....|2


सँकलाय हे खोलखा म,

तोर पुस्तक कापी |

टँगाय हे अरगेसनी म,

तोर कुरता साफी |

भराय हे खेलौना ले,

घर के गोड़ा |

तोर ढ़केल गाड़ी,

कुकुर बिलई अउ घोड़ा |

ढुलत हे तोर लोहाटी बॉटी

कुरिया अउ डेरउठी म।

कुकुर कोलिहा ल धुतकारत रथों,

तोर गिल्ली डंडा वाले लउठी म |

रोटी के लालच म,

रोज मुहाटी म आके,

करिया कऊवा करथे काँव ........|

कब आबे बेटा गाँव................|2


न पानी पीये,न पेरा भूँसा खाय |

बुढ़ागे हवे तोला देखत-देखत,

तोर दुलौरिन  गाय |

तोर पोंसवा कुकुर खोरात-खोरात,

जोहत रइथे बाट |

छेरी,बोकरा,बइला,भँइस्सा,

नइ हे पघुरात |

आजा रे छेदउला बेटा ,

 कतरो उतबिरित कर,

अब नइ खिसियाँव..........|

कब आबे बेटा गाँव..........|2


कभू होरी म आवस,

त कभू देवारी म |

छप्पन भोग मढ़ाके रखथों,

तोर कॉच के थारी म |

संगी संगवारी आके पुछथे तोला |

देखे बर तरसत रिथे मोर  चोला  |

तोला आही कहिके साल म,

दू बेर देवारी,अऊ दू बेर होरी मनाँव....|

कब आबे बेटा गाँव.......................|2


तोर कुरिया नानकुन होगे,

तोर खटिया म अब घुन होगे |

छाती फूलगे तोर गुण ले बेटा,

फेर करेजा ह मोर सुन्न होगे |

दरस देखाबे आँखी के राहत ले,

अउ पार लगाबे जब सकलाँव.....|

कब आबे बेटा गाव.................|2


                       जीतेन्द्र वर्मा"खैरझिटिया"

                       बाल्को(कोरबा)

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