Monday, 15 July 2024

किसन्हा आसिक.....

 ....किसन्हा आसिक.....


हव मय आसिक ऑव,

माटी महतारी के|

नागंर बैला गाड़ी के|

पईली काठा खॉड़ी के|

रापा गैंयती कुदारी के|


करथो मया खॉटी,

खाथो नून बासी|

रहिथो वइसने जइसे

दल  म रेगें चॉटी|

भूलागे भोंभरा,

चुंहगे छानी|

कसके छय महिना

अब चलही किसानी|

अब न बात होही,

न मुलाखात होही..........|

जेन भी होही,

किसानी के बाद होही....|


चुक्ता दिन खेत म बीते,

रतिहा सिरिफ खटिया दिखे|

कोनो अगोरे,

चाहे कोनो हाथ जोरे|

किसन्हा अपन,

खेती ल नई छोंड़े|

न बिरस्पत मिलौ,

न ईतवार मिलौ |

न आसाढ़ मिलौ,

न कुवार मिलौ |

न दिन मिलबोन 

न रात मिलबोन..................|

मिलबोन त अब

किसानी के बाद मिलबोन.....|


सुतत उठत बईठत

ऑखी म खेतीखार दिखे|

मेहनत के कलम ले किसन्हा

संसार के भाग लिखे  |

न घर बर टेम हे,

न बन बर टेम हे|

न काली टेम हे

न आज..................|

टेम मिलही

 त किसानी के बाद....|


त चल मया ल,

एकमई होन दे..................|

फेर पहिली बावत बियासी,

अउ लुवई होन दे...............|

                          जीतेन्द्र वर्मा

                        खैरझिटी (राज.)

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